Bipolar Disorder in hindi
Health | Posted by 365Doctor | 12-03-2022 | Comments
जानिए क्या होता है Bipolar Disorder in hindi
बाइपोलर डिसऑर्डर यानी कि द्विध्रुवीय अवसाद की अवस्था इस अवस्था में व्यक्ति दो तरह की एक मानसिक दुनिया निर्मित कर लेता है एक अवसाद वाला और एक आनंद वाला।
कहने का मतलब बाइपोलर डिसऑर्डर एक ऐसी समस्या है जिसमें एक व्यक्ति कभी तो इतना खुश रहेगा इतना आनंदित रहता है कि उसके मन में सारी सोच सारे विचार सब पॉजिटिव और High thinking वाले आते हैं जिसमें उस व्यक्ति को हमेशा ऊंचे ऊंचे ख्वाब और ऊंची ऊंची उड़ान उड़ने की बात आती है ऐसे विचार मन में आते हैं कि जिससे यह लगता है कि वह या तो अहंकार में जी रहा है और यह तो उसे अपने से कुछ ज्यादा ही उम्मीद हो रही है।
, वहीं दूसरी ओर उस व्यक्ति को कभी कभी ऐसा लगने लगता है कि वह अवसाद भरी जीवन में है उसे किसी व्यक्ति से कोई मतलब नहीं है उसे इस जीवन में इस संसार में ईश्वर ने क्यों भेजा है उसका कोई अपना नहीं है सब लोग उससे नफरत करते हैं उसका भाग्य नहीं साथ दे रहा है वह एकदम अवसाद की अवस्था में चला जाता है और यहां तक स्थिति आ जाती है कि वह आत्महत्या करने के विचारों को भी मन में लाने लगता है तो यही द्विध्रुवीय समस्या वाली बात होती है और इसी को हम( Bipolar Disorder in hindi )के नाम से जानते हैं।
यदि इस बीमारी के बारे में बात करें तो हम देखते हैं कि इसका कोई सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया और बताना भी मुश्किल है फिलहाल इसे एक अवसाद की समस्या मानी जाती है और इससे बचने के लिए कुछ दवाएं भी प्रयोग में लाई जाती है जिसको मूड स्टेबलाइजिंग (Mood stabilizer ) दवा के नाम से जाना जाता है।
इस बीमारी के लिए डॉक्टर से लिथियम( Lithium) दवा का काफी रिकमेंड करते हैं जो कि काफी प्रभावशाली मानी जाती है और डॉक्टर आपको ब्लड जांच के लिए भी वह कह सकते हैं सीबीसी काउंट यानी Complete Blood Count और उसके द्वारा वह आपके रक्त में यह पता लगाते हैं कि क्या समस्या आ रही है और फिर रोगी तथा रोग के लक्षणों के आधार पर वह इसका इलाज करते हैं।
लिथियम नाम की दवा जो इस रोग में काफी प्रभाव कारी मानी जाती है उसके कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं हालांकि इस रोग में देखा गया है कि यह रोग को 30 से 40% तक कम करने में सक्षम पाई गई है।
अब यदि हम देखें इस रोग के लिए क्या किया जाना चाहिए तो आपको एक अच्छे psychiatrist से मिलना चाहिए जो कि आप को पॉजिटिव विचार रखने के लिए बोल सकता है और उसकी बातों का अनुसरण करना चाहिए और मरीज को स्वयं अपना ध्यान देना चाहिए कि वह ना तो बहुत ज्यादा अवसाद में रहे और ना ही बहुत ज्यादा खुश वाली अवस्था में रहें और ऐसे मरीजों को पानी का बहुत अधिक मात्रा में सेवन करना चाहिए।
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