Glaucoma in hindi
Health | Posted by 365Doctor | 07-04-2022 | Comments
आंख का रोग ग्लूकोमा। Glaucoma in hindi
ग्लूकोमा आंख का एक विकार है जो आंखों को प्रभावित करता है तथा नजर की ब्लॉकेज के लिए जिम्मेदार है यह विकार आपके Optic nerve को नुकसान पहुंचाता है Optic nerve ऐसी Nerve होती है जो आंखों से देखी गई सारी जानकारी को मस्तिष्क तक पहुंचाने का कार्य करती है और मस्तिष्क उस जानकारी के हिसाब से अपने निर्णय लेता है।
शुरुआत में इसके कोई खास लक्षण नहीं होते हैं इसीलिए लोग इसके बारे में बहुत अधिक नहीं जान पाते हैं लेकिन जब तक आप इस बीमारी के बारे में जानते हैं तब तक यह बीमारी आपकी नजरों को इतना प्रभावित कर चुकी होती है कि आपको दिखाई देना बंद हो चुका होता है और आपकी नजर में ब्लॉकेज आने लगती है इसके बहुत सारे कारण हो सकते हैं ।
हालांकि पहले देखते हैं इसकी दो प्रमुख श्रेणियां होती हैं।
- 1-Open angle glaucoma (in hindi)
- 2-Narrow angle glaucoma(in hindi)
आइए देखते हैं कि यह आंखों को कैसे प्रभावित करता है।
- ग्लूकोमा इंट्राऑकुलर दबाव बढ़ने के कारण होता है तथा यह दबाव ऑप्टिक नर्व पर दबाव डालता है तथा जब Optic nerve छतिग्रस्त हो जाती है तो मस्तिष्क को आंखों से देखी गई सूचना प्राप्त नहीं हो पाती है और इसके फलस्वरूप मस्तिष्क निर्णय लेने में असक्षम हो जाता है परिणाम स्वरूप नजर गड़बड़ हो जाती है तथा उस पर ब्लॉकेज उत्पन्न होने लगते हैं ज्यादा दबाव और optic nerve पर अधिक दबाव की वजह से नजर loss की समस्या आने लगती है।
- इसके लिए कुछ जींस और कुछ स्थितियां भी जिम्मेदार होते हैं और माने जाते हैं आइए देखते हैं वह क्या क्या होते हैं।
- जैसे कि यदि आप की नसों में सूजन की समस्या है तो भी ग्लूकोमा की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
- या फिर आपको ट्यूमर जैसी समस्या है तो भी ग्लूकोमा की स्थिति हो सकती है।
- मधुमेह की शिकायत होने पर भी ग्लूकोमा के शिकायत हो सकती है।
- तथा मोतियाबिंद की सूजन भी यदि आपकी आंखों में होती है तो यह भी ग्लूकोमा के लिए जिम्मेदार कारक तत्व माना जा सकता है।
- इसके कारक के रूप में यदि हम देखें तो 45 वर्ष प्लस के लोग इसके लिए बहुत ही सुग्राह्य रहे होते हैं और उनको ग्लूकोमा के खतरे ज्यादा हो वह होते हैं।
- इसके साथ-साथ वंशानुगत रूप से भी ग्लूकोमा की शिकायत हो सकती है यदि आपके पारिवारिक इतिहास में किसी को ग्लूकोमा की समस्या रही हो तो भी यह समस्या आपको हो सकते हैं।
- इसके साथ-साथ इंट्राऑकुलर प्रेशर वाले लोगों को भी ग्लूकोमा की समस्या हो सकती है।
- इसके साथ-साथ मायोपिया हाइपरट्रोपिया तथा आंखों की सूजन और स्टेरॉयड का लंबे समय तक सेवन भी ग्लूकोमा के लिए जिम्मेदार माना जा सकता है।
- आइए देखते हैं ग्लूकोमा के होने के लक्षण।
- आंखों में तथा सर में तेज दर्द जो की आंखों की वजह से हुआ है।
- अगर नजर कमजोर धुंधली हो जाती है ।
- आंखें लाल हो जाती हैं।
- या फिर प्रकाश के सामने आने पर इंद्रधनुष जैसी संरचना दिखाई देने लगती है।
- किसी और रोशनी को देखने पर उसमें छल्ले बनने की दिखाई देने की अवस्था होने लगती है ।
- जी मिचलाने की समस्या आती है उल्टी होने की भी समस्या होती है तथा आंखें लाल सुर्ख हो जाती है।
आइए देखते हैं ग्लूकोमा से बचने के कुछ उपाय
1-नियमित आंख परीक्षाएं करवाएं
2-चलने, दौड़ने और जॉगिंग जैसे दैनिक अभ्यास में सामान्य आईओपी को बनाए रखने की संभावना होती है।
3-योग अभ्यास के दौरान उलटे आनों जैसे हेडस्टैंड या कंधे के बल खड़े होने से बचना चाहिए।
4-अपनी खेल गतिविधियों और घर बनवाने के दौरान सुरक्षा के लिए चश्मा पहनें।
5-यदि धुंधला दिखाई दे तो तुरंत आंखों की जांच के लिए जाएं।
6-ज्यादा संवेदनशील ग्लूकोमा से प्रभावित होने पर अपने आहार में नमक की ज्यादा मात्रा से बचें।
7-यदि आपको पहले से ग्लूकोमा है तो हाई बीपी को कम करने के लिए कॉफी और कैफीनयुक्त पेय पदार्थों से बचने की कोशिश करें।
8-एक ही घूँट में पीने के पानी से बचें। दिन भर में पानी की कम मात्रा पियें|
9-लाल शराब, हरी चाय और काले चॉकलेट का उपयोग बहुत कम करें।
10-ओमेगा 3-फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ लें|
ग्लूकोमा के मरीज कब तक अंधे हो जाते हैं? औसतन, अनुपचारित ग्लूकोमा को प्रारंभिक क्षति से कुल अंधापन तक पहुंचने में लगभग 10-15 वर्ष लगते हैं। 21-25 mmHg के IOP (इंट्राओकुलर प्रेशर) के साथ प्रगति में 15 साल लगते हैं, 25-30 mmHg के IOP के साथ लगभग सात साल और 30 mmHg से अधिक के दबाव में तीन साल लगते हैं।
ग्लूकोमा से बचाव का तरीका 40 साल से कम उम्र वाले साल में दो बार जांच करवाएं। इससे ज्यादा उम्र वालों को साल में तीन बार जांच करवानी चाहिए। ' इसके अलावा आंखों से जुड़ी एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। आंखों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखें।
क्या ग्लूकोमा का इलाज संभव है? ग्लूकोमा (कांचबिंद) आंखों की बीमारी है। इस बीमारी में आंखों की नसों पर प्रेशर बढ़ने लगता है, जिसके कारण मरीज अंधा भी हो सकता है। देश में अब तक इसका इलाज सिर्फ ऑपरेशन था, लेकिन पहली बार इसका इलाज साइक्लो जी एमपी 3 लेज़र तकनीक से संभव हो सकेगा।
ग्लूकोमा का सबसे अच्छा इलाज क्या है? Prescription eye drops are the most common treatment. वे आपकी आंखों में दबाव कम करते हैं और आपके ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचाते हैं। लेजर उपचार। आपकी आंखों के दबाव को कम करने के लिए, डॉक्टर आपकी आंखों से तरल पदार्थ निकालने में मदद के लिए लेजर का उपयोग कर सकते हैं।
ग्लूकोमा क्यों होता है? आमतौर पर आंख के अंदर असामान्य रूप से बहुत अधिक दबाव के कारण ग्लूकोमा होता है, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता. समय के साथ आंख के अंदर बढ़ा हुआ दबाव ऑप्टिक नर्व के उत्तकों को नष्ट कर सकता है, जिससे नजर कमजोर होने के साथ ही अंधापन भी हो सकता है.
आमतौर पर ग्लूकोमा का पहला संकेत क्या होता है? ग्लोकोमा के अधिकांश प्रकारों में, आमतौर पर कोई दर्द नहीं होता है और ध्यान देने योग्य दृष्टि हानि होने तक कोई लक्षण उत्पन्न नहीं होता है, लेकिन क्लोज्ड-एंगल ग्लोकोमा के साथ, एक व्यक्ति अचानक लक्षणों का अनुभव करता है - जैसे धुंधली दृष्टि, रोशनी के आसपास प्रभामंडल, आंखों में तेज दर्द, मतली और उल्टी महसूस होना ।
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