How to get pregnant in hindi
Health | Posted by 365Doctor | 04-04-2022 | Comments
How to Get Pregnant in Hindi
बहुत सारे युवा जब युवावस्था की दहलीज पर आ जाते हैं तब विवाह के बाद उनके सब उनके सामने सबसे बड़ी समस्या संतानोत्पत्ति की आती है कि गर्भधारण कैसे करें या फिर उनके मन में बहुत सारे ऐसे सवाल और चिंताएं होते हैं जिनके बारे में वह किसी से पूछने में भी बड़ा असहज महसूस करते हैं और इसलिए उनको बहुत सारा कंटेंट इंटरनेट और यूट्यूब पर खोजना पड़ता है तो हमारा आज का लेख इसी बात पर केंद्रित है कि किसी भी स्त्री के लिए गर्भधारण करना कैसे संभव हो पाता है और आपके सारे सवालों के जवाब भी हम यहां पर देंगे।
दरअसल प्रेग्नेंट होना लोग आसान समझ लेते हैं और इसे ही पहली प्रोसेस समझ लेते हैं जबकि यह चौथी प्रोसेस होती है जब आप गर्भ धारण करते हैं गर्भधारण का पीरियड 9 महीने का होता है और हर महीने अलग अलग अनुभव आपको प्राप्त होते हैं किंतु पहली प्रोसेस कहां से शुरू होती है इसके बारे में हम आपको आगे जानकारी देने वाले हैं।
किसी भी लड़की को लगभग 13 वर्ष की अवस्था से पीरियड से आने की मासिक धर्म आने शुरू हो जाते हैं और यह दर्शाता है कि वह लड़की गर्भधारण के योग्य हो गई है हालांकि हम इस बात से पूरा पूरा इंकार कर रहे हैं कि उसको मां 13 साल में बन जाना चाहिए क्योंकि उसके शरीर का विकास नहीं हुआ होता है ।
जब आपकी शादी होती है 18 या 20 साल के बाद तब आपका शरीर पूर्ण रूप से मां बनने के लिए और गर्भधारण के लिए विकसित हो जाता है और आप गर्भधारण के लिए तैयार हो जाते हैं।
Pregnancy in hindi
गर्भधारण के लिए पीरियड्स आने के कम से कम 6 से 7 दिन के बाद आपको संभोग करना चाहिए और संभोग कम से कम 2 बार किया जाए ताकि ओवुलेशन और फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया होने में किसी भी तरह की शंका ना रहे और इसके बाद क्योंकि आपको ओवुलेशन पीरियड आने के लगभग 1 हफ्ते पहले से होने लगते हैं अर्थात आपके शरीर में अंडे बनने लगते हैं और उसके बाद जब आपको पीरियड्स आने शुरू होते हैं तो 5 से 6 दिन के बाद अगर आप संभोग किया करते हैं तो मानव का Semen एक स्त्री के शरीर में जाकर उन अंडों से मिल जाता है और अंडों से मिलने के बाद उसका Fertilization होता है यह मानव का स्पर्म लगभग 72 घंटे तक एक महिला के शरीर में जीवित रहता है और मानव के वीर्य और महिला के अंडों का निषेचन होने के बाद यह फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से गर्भाशय के अंदर चला जाता है और उसके बाद यह तय होता है कि गर्भ में लड़का है या लड़की क्योंकि अगर मानव का स्पर्म y होता है तो लड़का होता है और एक्स होता है तो लड़की होती है।
और यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद लगभग 1 हफ्ते बाद अंडे का निषेचन हो जाता है और उसमें से एक छोटा सा गर्भस्थ शिशु गर्भाशय में आ जाता है जिसके चारों ओर एक आवरण चढ़ा होता है और उसका विकास मां के पेट में होने लगता है जो 9 महीने तक लगातार अपना विकास करता रहता है और 9 महीने के बाद मां के शरीर से बाहर आता है और फिर एक नया जीवन एक संसार में जन्म लेता है जो कि एक मां के लिए बहुत ही सुखद अहसास माना जाता है।
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