Malaria Ke Lakshan in Hindi
Health | Posted by 365Doctor | 16-03-2022 | Comments
Malaria Meaning in Hindi- मलेरिया कारण लक्षण तथा इलाज
मलेरिया वैसे तो कुछ महाद्वीपों को छोड़कर बाकी पूरे संसार में पाया जाता है किंतु भारत तथा अफ्रीका में इसका बहुत ज्यादा ही संक्रमण और फैलाव माना जाता है।
यह रोग मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है और अमूमन यह बारिश के मौसम में मादा एनाफिलीज द्वारा सक्रिय होने की वजह से तथा अंडे देने की वजह से इनकी मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है।
इनके अंडे दूषित पानी में होते हैं और वहीं पर जन्म लेते हैं अफ्रीका के उप सहारा क्षेत्रों में और भारत में यह मौसमी रूप से होते हैं किंतु अगर अगर विशेष रूप से भारत की बात की जाए तो यह वर्ष भर रहते हैं और इनकी वजह से बहुत लोग मृत्यु को भी प्राप्त कर लेते हैं।
भारत में स्पेशली दो तरह के मलेरिया रोगाणु पाए जाते हैं ।
- Plasmodium Falciperom
- Plasmodium Vivax
प्लाज्मोडियम falciperom में बुखार ठंड के साथ आता है जबकि प्लाज्मोडियम Vivax में दर्द के साथ तेज बुखार तथा भूख की कमी महसूस होती है हालांकि ये दोनों ही खतरनाक है किंतु यदि इसमें देखा जाए तो मृत्यु के लिए प्लाज्मोडियम ज्यादातर जिम्मेदार माना जाता है।
Malaria in Hindi-
- इसके प्रमुख लक्षणों में बुखार, सिर दर्द ,उल्टी ,मतली ठंड ,चक्कर आना तथा ठकान जैसी समस्याएं होती हैं भूख ना लगने की वजह से मानव कुछ खा पी नहीं पाता है और उसकी वजह से उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और यह रोग उसके लिए खतरनाक साबित हो जाता है।
- यदि इस के चरणों को देखा जाए तो हम देख पाते हैं कि मादा एनाफिलीज मच्छर द्वारा किसी व्यक्ति को सीधे तौर पर काट लेने पर उसको मलेरिया नहीं होता है बल्कि एक मादा एनाफिलीज मच्छर एक व्यक्ति को काटती है और उसके खून को चूस कर अपने शरीर में लेकर जाती है और उसके बाद उस मादा एनाफिलीज मच्छर के शरीर में वह मानवीय खून प्लाज्मोडियम से संक्रमित हो जाता है और इसके बाद जब वह दूसरे व्यक्ति को काटती है या उसका खून चूसती है तो उसके शरीर में पहले से स्थित मानव का वह खून जो प्लाज्मोडियम से संक्रमित हो गया है वह दूसरे मनुष्य के शरीर में चला जाता है और उस दूसरे मनुष्य को मलेरिया की शिकायत हो जाती है।
आइए जानते हैं कि इसके क्या क्या निदान हो सकते हैं।
- मलेरिया क्योंकि भारत में बहुत ज्यादा पर ही पांव पसार चुका है इसलिए भारत ने एंटी मलेरियल दवाई इस रोग के लिए बनाई है जो कि रोगी एवं लक्षण के आधार पर दिया जाता है ।
- इसके साथ-साथ एंटी शिजिर दवाएं भी प्रयोग में लाई जाती हैं तथा प्लाज्मोडियम फैंलसीपेरम जो कि सबसे गंभीर होता है उसके लिए है एंटीसीजर दवाओं का प्रयोग किया जाता है इसमें कभी-कभी किडनी फेल की समस्या भी सामने आने लगती है तथा सांस लेने में भी समस्या होती है आदमी कोमा में जा सकता है और उसे आईसीयू तक में रखना पढ़ना रखना पड़ सकता है।
- इसके लिए की दवा आती है जो मलेरिया में इस प्रयोग में लाई जाती है और उसके साथ-साथ यदि मलेरिया की शिकायत होती है तो आप तुरंत डॉक्टर से परामर्श अवश्य करना चाहिए हालांकि यह इलाज के योग्य है और 10 से 15 दिनों में ठीक भी हो जाता है किंतु अगर लक्षणों पर ध्यान ना दिया जाए तो यह घातक बीमारी भी सिद्ध हो सकती है और मृत्यु भी हो सकती है।
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