Menstrual Cycle in Hindi
Health | Posted by 365Doctor | 02-03-2022 | Comments
Menstrual Cycle in Hindi - मासिक धर्म तथा मासिक धर्म चक्र में अंतर
मासिक धर्म किसी भी महिला के जीवन में होने वाला एक शारीरिक बदलाव के तौर पर प्रतीक के रूप में माना जाता है यह ऐसा शारीरिक बदलाव होता है जो जो उसे प्रजनन के योग्य बनाता है जबकि मासिक धर्म चक्र दो मासिक धर्म के बीच के अंतर को कहा जाता है।
तो आइए आज अपने इस लेख के माध्यम से हम जानते हैं कि मासिक धर्म क्या होता है और मासिक धर्म चक्र क्या होता है इन दोनों के बीच में अंतर क्या है तथा इसके क्या कार्य होते हैं।
Masik Dharm Tatha Masik Dhrm Chakra Me Antar in Hindi
कोई भी बालिका जो 11 से 13 वर्ष की आयु की हो गई हो उसको सामान्यतः पीरियड आने लगते हैं यह उसके जीवन में एक बदलाव शारीरिक होता है जो कि उसे प्रजनन के लिए योग्य बनाता है हालांकि उस समय तक वह लड़की या बालिका प्रजनन के योग्य नहीं हुई होती किंतु यह लक्षण उसको प्रारंभिक अवस्था में होने का संकेत होते है, तथा इस क्रियाकलाप को इंग्लिश में Menstration भी बोलते हैं।
यह अमूमन 3 से 5 दिन तक रहता है( Periods kitne din ke hote hai)तथा 28 से 35 दिन के अंतराल पर आता है और यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक एक महिला को रजोनिवृत्ति नहीं हो जाती रजोनिवृत्ति से तात्पर्य किसी महिला के शरीर से पीरियड्स का आना बंद हो जाना है और यह लगभग 50 वर्ष के अवस्था के बाद होता है तब उसे पीरियड नहीं आ सकते हैं और कहने का मतलब यह है कि वह मां बनने के योग्य नहीं रह जाती।
प्रत्येक महीने आने वाले पीरियड्स को हम मासिक धर्म बोलते हैं जबकि 2 महीने के बीच का जो टाइम अंतराल है उसको हम मासिक धर्म चक्र के रूप से पुकारते हैं।
इसमें एक महिला के योनि से रक्तस्राव होता है जो जो की पूर्णता हार्मोनल होता है और यह हार्मोन उसके गर्भाशय को मोटा बनाते हैं जो कि उसके गर्भाशय के लिए तैयार होने का एक संकेत माना जाता है और उसकी योनि से रक्त निकलने लगता है जो कि गाढ़ा भूरा यह चमकीला लाल हो सकता है और कभी कभी तो छोटे छोटे रक्त के थक्के भी निकलते हैं।
अमूमन यह Bleeding 5 से 6 दिन की होती है और छठवें दिन से ब्लीडिंग बंद हो जाती है और मनुष्य का वीर्य एक महिला के फैलोपियन ट्यूब से होते हुए गर्भाशय तक जाने का रास्ता साफ कर लेता है तो यदि पुरुष का स्पर्म महिला से महिला के ओवरी से जाकर मिलता है और अंडे बनते हैं और फ़र्टिलाइजेशन होता है तब तो वह जीव उसमें आता है और गर्भाशय में पलने लगता है लेकिन अगर फर्टिलाइजेशन में कोई हार्मोनल समस्या या कोई शारीरिक समस्या उत्पन्न हो गई हो तो अंडे टूट जाते हैं और मासिक धर्म में बहने वाले बहाव के साथ बाहर की ओर बह जाते हैं आम तौर पर एक महिला को मासिक धर्म के आने से निर्मित तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
*पेट में ऐंठन
*पेट के निचले हिससे में दर्द होना
*पेट में सूजन
*पीरियड्स से पहले कब्ज
*मुंहासे
*थकान
*मूड में बदलाव
*सिरदर्द
*पेट फूलना
*भोजन की कमी
*स्तन दर्द
*दस्त
तो यह थे हमारी आज के लेख में मासिक धर्म और मासिक धर्म चक्र से संबंधित कुछ संक्षिप्त जानकारी मिलते हैं आपसे अपने अगले लेख में तब तक के लिए नमस्कार
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