Pancrease Transplant Surgery in Hindi
Medicine in Hindi | Posted by 365Doctor | 21-07-2023 | Comments
क्या होती है पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी? जानें इसकी पूर्ण जानकारी
पैंक्रियाज (Pancreas in Hindi) शरीर का वह अंग होता है, जो मुख्य रूप से पेट के निचले हिस्से के समीप स्थित होता है।
पैंक्रियाज का मुख्य कार्य इंसुलिन बनाना होता है। इंसुलिन ऐसा हार्मोन होता है, जो शरीर की कोशिकाओं में चीनी (ग्लूकोज) के अवशोषण को नियंत्रित करता है।
जिस व्यक्ति के शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनता है, वह व्यक्ति मधुमेह नामक बीमारी से पीड़ित होता है, इस स्थिति में डॉक्टर उसे पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी कराने की सलाह देते हैं।
चूंकि, पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के बारे में अधिकांश लोग नहीं जानते हैं, इसलिए वे समय रहते इस सर्जरी को नहीं करा पाते हैं।
यदि आप भी पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के बारे में अधिक नहीं जानते हैं तो इसके लिए आप इस लेख को पढ़ सकते हैं।
पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी क्या होती है? (Meaning of Pancrease Transplant Surgery in Hindi)
पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी से तात्पर्य ऐसी सर्जरी से है, जिसमें एक मृत डोनर से स्वस्थ पैंक्रियाज को उस व्यक्ति में लगाया जाता है, जिसका पैंक्रियाज ठीक रूप से काम नहीं करता है।
पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी को कराने के कौन-कौन से कारण होते हैं? (Indications of Pancrease Transplant Surgery in Hindi)
हालांकि, पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के द्वारा मधुमेह से पीड़ित लोगों के शरीर में इंसुलिन का निर्माण और शुगर स्तर को सामान्य किया जा सकता है, लेकिन इसके बावजूद यह सभी मधुमेह पीड़ित लोगों के लिए उचित इलाज साबित नहीं होता है क्योंकि कुछ लोगों को अग्नाशय प्रत्यारोपण सर्जरी के बाद भी अन्य इलाज कराने की आवश्यकता पड़ सकती है।
इस प्रकार पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी को कराने से पहले यह जानना आवश्यक होता है कि अग्नाशय प्रत्यारोपण सर्जरी किन लोगों के लिए उचित साबित होगी।
पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी को कराने की सलाह निम्नलिखित कारणों से दी जाती है-
मुधमेह प्रकार 1 (डायबटिज टाइप 1) से पीड़ित व्यक्ति
बार-बार इंसलिन रिएक्शन होना
ब्लड शुगर लेवल का खराब होना
किडनी का खराब होना
पैंक्रियाज कैंसर का होना
पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के कितने प्रकार होते हैं? (Types of Pancreas Transplant Surgery in Hindi)
पैंनक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के मुख्य रूप से 4 प्रकार होते हैं, जो इस प्रकार हैं-
1- पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट- यह पैंनक्रिअस ट्रांसप्लांट सर्जरी का सबसे सामान्य प्रकार है, जिसे उन लोगों पर किया जाता है, जो मधुमेह के आरंभिक स्तर के रोगी होते हैं या फिर जिन्हें किडनी की कोई बीमारी नहीं होती है।
2- किडनी-पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट- अक्सर, सर्जन इस सर्जरी को उन लोगों पर करते हैं, जिन्हें या तो मधुमेह की बीमारी होती है या फिर जिनमें किडनी के खराब होने की संभावना होती है।
3- किडनी ट्रांसप्लांट के बाद पैंक्रियाज- जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि इस सर्जरी को उन लोगों पर किया जाता है, जिनकी किडनी खराब हो चुकी होती है।
इस स्थिति में उस व्यक्ति का किडनी ट्रांसप्लांट करने के बाद पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट किया जाता है।
4- पैंक्रिअटिक आइलेट सेल ट्रांसप्लांट- इस ट्रांसप्लाटेंशन में मृत डोनर के पैंक्रियाज से इंसुलिन निर्मित कोशिकाओं को लिया जाता है और उसे जरूरतमंद व्यक्ति की नसों में इंजेक्ट किया जाता है, जो उसके लिवर तक रक्त को पहुंचाती हैं।
पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी को कैसे किया जाता है? (Procedure of Pancrease Transplant Surgery in Hindi)
पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसमें निम्नलिखित स्टेप शामिल होते हैं-
स्टेप 1: स्वास्थ जांच करना- पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी को करने से पहले व्यक्ति के स्वास्थ की अच्छी तरह से जांच की जाती है, जिसमें उसका ब्लड टेस्ट, एक्स-रे, किडनी की जांच इत्यादि को किया जाता है।
स्टेप 2: एनेस्थीसिया देना- पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी की शुरूआत व्यक्ति को एनेस्थीसिया देकर होती है।
एनेस्थीसिया से उस व्यक्ति को इस पूरी प्रक्रिया के दौरान किसी प्रकार का दर्द महसूस नहीं होता है।
स्टेप 3: पेट के निचले हिस्से पर कट लगाना- व्यक्ति को एनेस्थीसिया देने के बाद सर्जन उसके पेट के निचले हिस्से पर कट लगाते हैं।
स्टेप 4: डोनर के पैंक्रियाज को लगाना- पेट के निचले हिस्से पर कट लगाने के बाद उस व्यक्ति के खराब पैंक्रियाज को निकाल कर उसकी जगह पर डोनर के पैंक्रियाज को लगाया जाता है।
स्टेप 5: पेट पर लगाए गए कट को बंद करना- डोनर के पैंक्रियाज को लगाने के बाद व्यक्ति के पेट के निचले हिस्से पर लगाए गए कट को बंद कर दिया जाता है।
स्टेप 6: आईसीयू में ले जाना– पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद व्यक्ति को आईसीयू में ले जाया जाता है।
स्टेप 7: सेहत को मॉनिटर करना- आईसीयू में व्यक्ति की सेहत को मॉनिटर किया जाता है और इस बात को सुनिश्चित किया जाता है कि पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद वह पूरी तरह से ठीक है।
स्टेप 8: मरीज को दवाई देकर डिस्चार्ज- पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद व्यक्ति को अस्पताल में लगभग एक हफ्ते तक रखा जाता है।
जब उस व्यक्ति की सेहत में सुधार नज़र आता है तो सर्जन उसे दवाई देकर डिस्चार्ज कर देते हैं।
स्टेप 9: समय- समय पर चेकअप करना- जब तक पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी कराने वाला व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो जाता है, तब तक सर्जन उसका समय-समय पर चेकअप करते हैं, जिससे उसके स्वास्थ की स्थिति को मॉनिटर किया जा सके।
पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के कौन-कौन से लाभ होते हैं? (Benefits of Pancreas Transplant Surgery in Hindi)
पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी एक लाभदायक सर्जरी है, जिसके निम्नलिखित लाभ होते हैं-
1- मधुमेह को रोकने का सर्वोत्तम तरीका- पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह मधुमेह को रोकने का सर्वोत्तम तरीका है।
2- स्टेमिना एवं ऊर्जा को बढ़ाना- पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद व्यक्ति का स्टेमिना काफी बढ़ जाता है।
3- शुगर लेवल को सामान्य करना- चूंकि, शरीर में शुगर लेवल के बढ़ने को मधुमेह कहा जाता है, अत: पैंक्रियाज सर्जरी के द्वार शुगर लेवल सामान्य हो जाता है।
4- सामान्य खान-पान करना- पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद व्यक्ति सामान्य खान-पान कर सकता है।
5- सामान्य क्रिया-कलाप करना- पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी का अन्य लाभ यह भी है कि इसके बाद व्यक्ति सामान्य क्रिया-कलाप कर सकता है।
पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के कौन-कौन से जोखिम होते हैं? (Side-Effects/ Risks of Pancreas Transplant Surgery in Hindi)
किसी भी अन्य सर्जरी की तरह पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के भी अपने लाभ और जोखिम होते हैं, जिसके बारे में पता होना महत्वपूर्ण होता है।
पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के कुछ जोखिम होते हैं, जो इस प्रकार हैं-
1- ब्लड क्लोट्स होना- पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद कुछ लोगों में ब्लड क्लोट्स की समस्या हो सकती है।
2- संक्रमण होना- कई बार पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद मूत्र संबंधी संक्रमण हो जाता है।
3- डोनेट पैंक्रियाज का खराब होना- कई बार ऐसा भी देखा गया है कि डोनेट पैंक्रियाज भी खराब हो जाता है।
4- हाई कोलेस्ट्रॉल- कुछ लोगों में पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट के बाद हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती है।
5- वजन का बढ़ना- पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद कुछ लोगों का वजन बढ़ जाता है।
जैसा कि हम सभी यह जानते हैं कि आज कल मधुमेह की बीमारी बहुत सारे लोगों में देखने को मिल रही है।
हालांकि, वे इसके लिए बहुत सारे तरीकों जैसे दवाई लेना, मेडिकल उत्पाद का सेवन करना इत्यादि को अपनाते हैं लेकिन, जब उनके लिए ये सभी तरीके कारगर साबित नहीं होते हैं, तब डॉक्टर उन्हें पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी (Pancreas Transplant Surgery in Hindi) कराने की सलाह देते हैं।
चूंकि, बहुत सारे लोगों को पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के बारे में संपूर्ण जानकारी नहीं होती है इसलिए वे सही समय पर पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी को नहीं करा पाते है।
यदि उन्हें पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी की पूर्ण जानकारी हो तो उनकी ज़िदगी भी खुशियों से भर जाए।
इस प्रकार हमें उम्मीद है कि आपके लिए इस लेख को पढ़ना उपयोगी साबित हुआ होगा क्योंकि हमने इस लेख में पैनक्रिअस ट्रांसप्लांट सर्जरी के संभावित लाभ और जोखिम से संबंधित आवश्यक जानकारी दी है।
सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’S)
Q1. पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी की सफलता दर कितनी है?
Ans- पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी का लाभ काफी सारे लोगों को मिला है क्योंकि इसकी सफलता दर 80-96% तक होती है।
इस प्रकार, पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी को बिना किसी डर के कराया जा सकता है।
Q2.पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी करवाकर व्यक्ति कितने समय तक जीवित रह सकता है?
Ans- हालांकि, पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद का समय काफी संवेदनशील होता है, जिसमें पूरी सावधानी बरतनी पड़ती है।
इसके बावजूद, पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी करवाकर व्यक्ति लगभग 10 सालों तक जीवित रह सकता है।
Q4.पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी को कैसे किया जाता है?
Ans- पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी में मुख्य रूप से खराब पैंक्रियाज को निकालकर उसकी जगह पर डोनेट प्रैंकियाज को लगाया जाता है।
इसे मुख्य रूप से डायबिटीज से पीड़ित लोगों पर किया जाता है, ताकि उनकी इंसुलिन की समस्या को दूर किया जा सके।
Q5. पैंक्रियाज डोनेट कौन व्यक्ति कर सकता है?
Ans- पैंक्रियाज डोनेट केवल वही व्यक्ति ही कर सकता है, जिसकी उम्र 18 से 55 के बीच हो, जिसका बॉडी मास इंडेक्स 32 से कम हो, जिसे कोई बीमारी न हो और न ही किसी तरह की दवाई न लेता हो।
Q6. क्या जीवित व्यक्ति अपना प्रैंकियाज डोनेट कर सकता है?
Ans- हालांकि, जीवित व्यक्ति का प्रैंकियाज लेना संभव है, लेकिन प्रैंकियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए डोनर का पूरा प्रैंकियाज लिया जाता है, तो इसके बाद उसे थोड़ी समस्या महसूस हो सकती है।
Q7. पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी की कीमत कितनी है?
Ans- पैंक्रियाज ट्रांसप्लांट सर्जरी की कीमत 4-5 लाख होती है, जिससे इस प्रक्रिया को किया जा सकता है।
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