Phimosis in Hindi
Medicine in Hindi | Posted by 365Doctor | 21-07-2023 | Comments
फाइमोसिस क्या है?, कैसे करें उपचार? (Phimosis in Hindi)
फाइमोसिस (Phimosis) नामक बीमारी से अधिकांश पुरूष अनजान हैं, लेकिन फिर भी यह कुछ पुरूषों में देखने को मिलती है। यह पुरूषों को होने वाली गुप्त समस्या है, जिसका असर उनकी व्यक्तिगत जीवन के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक जीवन पर भी पड़ता है।
विशेषज्ञों की माने तो यदि फिमोसिस का इलाज समय रहते न कराया जाए, तो यह प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) का कारण बन सकती है और उस स्थिति में किसी भी पुरूष के लिए सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बचता है। चूंकि, इस बीमारी का संबंध पुरूष के गुप्त अंग से है, इसी कारण वह इसके संबंध में बात करने से बचते हैं और उनके इसी रवैया का परिणाम यह होता है कि उन्हें काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यदि आप भी एक पुरूष हैं और किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना चाहते हैं तो फिर आपको इस लेख को जरूर पढ़ना चाहिए।
फाइमोसिस क्या है? (What is Phimosis in Hindi)
फाइमोसिस से तात्पर्य ऐसी स्थिति से है, जिसमें लिंग की ऊपरी त्वचा काफी सख्त हो जाती है और इसके साथ में उस हिस्से पर सूजन भी हो जाती है। फिमोसिस का बच्चों में होना स्वाभाविक चीज है, लेकिन जब यह दूसरे उम्र के पुरूषों को होती है, तो यह चिंता का विषय बन जाती है। ऐसी स्थिति में तुंरत इलाज कराना ही बेहतर विकल्प होता है क्योंकि थोड़ी भी देरी करना किसी भी पुरूष को मुसीबत में डाल सकता है।
फाइमोसिस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Phimosis in Hindi)
किसी भी अन्य बीमारी की तरह फाइमोसिस के भी कुछ लक्षण होते हैं, जो इसके शुरू होने का संकेत देते हैं।
अत: यदि किसी पुरूषों को अपने शरीर में ये 5 लक्षण नज़र आते हैं, तो उसे तुरंत सर्तक हो जाना चाहिए और डॉक्टर से मिलना चाहिए-
1- पेशाब करते समय दर्द होना- यह फाइमोसिस का प्रमुख लक्षण है, जिसमें पुरूष को पेशाब करने में काफी परेशानी होती है।
आमतौर पर, इसे यूरिन इंफेक्शन का कारण समझता जाता है, लेकिन हर बार ऐसा सोचना गलत है क्योंकि कई बार यह फिमोसिस का लक्षण भी हो सकता है।
2- लिंग पर सूजन का होना- यदि किसी पुरूष के लिंग पर सूजन हो जाती है, तो उसे इसे नज़रअदाज़ नहीं करना चाहिए क्योंकि यह फाइमोसिस का लक्षण हो सकता है।
अत: इसके बारे में डॉक्टर को सूचित करना आवश्यक है।
3- लिंग पर लाल दब्बे होना- कई बार फाइमोसिस होने पर लिंग पर लाल दब्बे भी हो जाती है।
इसी कारण ऐसा कुछ होने पर पुरूष को तुंरत डॉक्टर के पास जान चाहिए और अपने स्वास्थ की जांच करानी चाहिए।
4- लिंग में दर्द होना- यदि किसी पुरूष को लिंग में दर्द होता है और इसके साथ में पेशाब करते समय जलन भी होती है, तो उसे डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए।
5- पेशाब से बदबू आना- यह फाइमोसिस का अन्य लक्षण है, जिसमें पुरूष के पेशाब में बदूब आती है।
अत: इससे पीड़ित व्यक्ति को इसका इलाज शुरू कराना चाहिए।
फाइमोसिस के कारण क्या हैं? (Causes of Phimosis in Hindi)
ऐसा माना जाता है कि यदि हमें किसी समस्या के कारणों का पता हो तो हम उसकी रोकथाम आसानी से कर सकते हैं। यह बात फाइमोसिस पर भी लागू होती है इसलिए सभी लोगों को यह पता होना चाहिए कि फाइमोसिस होने के कुछ कारण होते हैं, जो इस प्रकार हैं-
बार-बार मूत्र मार्ग संक्रमण का होना- फाइमोसिस की बीमारी उस पुरूष को होने की संभावना अधिक रहती है, जिसे बार-बार मूत्र मार्ग संक्रमण होता है।
ऐसे पुरूष को अपने स्वास्थ का विशेष ध्यान देना चाहिए और नियमित रूप से हेल्थ चेकअप कराना चाहिए ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि वह स्वस्थ है।
त्वचा संक्रमण- फिमोसिस की बीमारी उस स्थिति में हो सकती है, जब किसी पुरूष को त्वचा संक्रमण की समस्या होती है।
हालांकि, इसका इलाज त्वचा संबंधी उपचार के माध्यम से किया जा सकता है।
एक्जिमा का होना- यदि कोई पुरूष एक्जिमा से पीड़ित है, तो उसे फाइमोसिस होने की संभावना अधिक होती है।
इसी कारण एक्जिमा से पीड़ित पुरूष को अपना इलाज सही से कराना चाहिए।
यौनिक संक्रमण का होना- यदि यौनिक गतिविधियों को बिना प्रोटेक्शन से किया जाए, तो इससे कई सारे संक्रमण हो सकते हैं।
फाइमोसिस भी ऐसा ही एक संक्रमण है, जो असुरक्षित यौनिक गतिविधि करने से होता है, अत: सभी पुरूषों को यह ख्याल रखना चाहिए कि वे यौनिक गतिविधि प्रोटेक्शन के साथ करें।
लाइकेन प्लेनुस का होना– यह बीमारी लाइकेन प्लेनुस नामक समस्या की वजह से भी हो सकती है।
अत: इससे पीड़ित पुरूष को अपने स्वास्थ का विशेष ध्यान रखना चाहिए और अपनी इस समस्या का इलाज सही तरीके से कराना चाहिए।
फाइमोसिस का इलाज कैसे किया जा सकता है? (Treatment of Phimosis in Hindi)
यह सवाल उन पुरूषों के लिए मायने रखता है, जो फाइमोसिस से ग्रस्त है क्योंकि इस दौरान उन्हें असहनीय दर्द से गुजरना पड़ता है और इसी कारण उन्हें ऐसे तरीकों की तलाश रहती है, जिनके माध्यम से वे फाइमोसिस से निजात पा सकें। हो सकता है कि कुछ पुरूष फिमोसिस को एक लाइलाज बीमारी समझते हो और इसी कारण वे इससे छुटकारा पा पाएं, लेकिन यदि उन्हें यह पता हो कि वे उपचार के इन 5 तरीकों के माध्यम से फाइमोसिस का इलाज करा सकते हैं, तो शायद वे बेहतर ज़िदगी जी पातें-
1- शरीर को सफाई रखना- ऐसा माना जाता है कि सभी लोगों के लिए अपने शरीर को साफ रखना काफी जरूरी होता है क्योंकि इससे वे कई सारी बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं।
यह बात फिमोसिस के संदंर्भ में भी सही प्रतीत होती है क्योंकि यह मुख्य रूप से ऐसे पुरूष को होती है, जो अपने शरीर को साफ नहीं रखता है।
2- मलहम लगाना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि फाइमोसिस की बीमारी में पुरूष के लिंग में खुजली होती है।
अत: इसका इलाज मलहम का इस्तेमाल करके भी किया जा सकता है।
3- यूरिन टेस्ट कराना- कई बार, डॉक्टर फाइमोसिस का इलाज करने के लिए पुरूष का यूरिन टेस्ट भी कराते हैं।
इस टेस्ट के माध्यम से इस बात की पुष्टि की जा सकती है कि यह बीमारी यूरिन में किस हद तक बढ़ चुकी है।
2- खतना कराना- अक्सर, डॉक्टर पुरूष को खतना कराने की भी सलाह देते हैं।
हालांकि, ऐसा उसी मामले में किया जाता है, जब पुरूष को उपचार के किसी अन्य तरीके से आराम नहीं मिलता है।
5- पैराफिमोसिस सर्जरी को कराना- जब फाइमोसिस से पीड़ित पुरूष को किसी अन्य तरीके से आराम नहीं मिलता है, तब डॉक्टर उसे सर्जरी कराने की सलाह देते हैं।
इस स्थिति में पैराफिमोसिस सर्जरी को किया जाता है, जिसमें लिंग के सख्त को हटा दिया जाता है और उसकी जगह पर कृत्रिम चीज को लगाया जाता है।
पैराफिमोसिस सर्जरी की कीमत कितनी है? (Paraphimosis Surgery Cost in Hindi)
जब भी कोई डॉक्टर किसी पुरूष को पैराफिमोसिस सर्जरी कराने की सलाह देते हैं, तो उस पुरूष के मन में सबसे पहला सवाल इसकी कीमत को लेकर आता है। वह इसकी कीमत जानना चाहता है क्योंकि इसका असर उसकी आर्थिक स्थिरता पर पड़ता है। हो सकता है कि कुछ पुरूष पैराफिमोसिस सर्जरी को एक महंगी प्रक्रिया समझते हो और इसी कारण वे इसे न करा पाएं,लेकिन यदि उन्हें यह पता हो कि यह एक किफायती प्रक्रिया है, जो वे मात्र रूपये 25,000 से 50,000 के खर्च पर करा सकते हैं, तो शायद वे भी खुशहाल ज़िदगी जी पातें।
पैराफिमोसिस सर्जरी के जोखिम क्या हो सकते हैं? (Complications of Paraphimosis Surgery)
निश्चित रूप से यह सर्जरी फाइमोसिस का इलाज कराने का सर्वोत्तम तरीका है, लेकिन इसके बावजूद किसी भी अन्य प्रक्रिया की भांति पैराफिमोसिस सर्जरी के भी अपने कुछ जोखिम होते हैं, जिसका जानकारी होना महत्वपूर्ण है।
यदि किसी पुरूष ने हाल ही में पैराफिमोसिस सर्जरी को कराया है या फिर भविष्य में कराने की योजना बना रहा है, तो उसे कुछ जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है, जो इस प्रकार हैं-
पेनिस टिप का खराब होना- पैराफिमोसिस सर्जरी के बाद कुछ पुरूषों का पेनिस टिप (लिंग का नुकीला हिस्सा) खराब हो जाता है।
इस स्थिति में उन्हें दूसरी सर्जरी की जरूरत पड़ती है।
रक्तप्रवाह का कम होना- पैराफिमोसिस सर्जरी का असर रक्तप्रवाह पर भी पड़ सकता है और जिसकी वजह से लिंग में रक्तप्रवाह कम हो सकता है।
संक्रमण का होना- किसी भी अन्य प्रक्रिया की तरह पैराफिमोसिस सर्जरी के बाद संक्रमण हो सकते हैं।
हालांकि, इस स्थिति को एंटीबायोटिक दवाई का सेवन करके नियंत्रिण में किया जा सकता है।
गैंग्रीन- इस सर्जरी के बाद कुछ पुरूष के शरीर की कोशिकाएं समाप्त हो सकती है, जिसे मेडिकल भाषा में गैंग्रीन के नाम से जाना जाता है।
हालांकि, इसका इलाज अन्य तरीकों से किया संभव है।
अन्य बीमारियों की संभावना का बढ़ना- यदि किसी पुरूष की यह सर्जरी सफल नहीं होती है, तो इसकी वजह से उसमें अन्य बीमारियों की संभावना भी बढ़ जाती है।
इसी कारण इसके बाद पुरूष को अपने स्वास्थ की जांच करानी चाहिए ताकि उसे इस बात का पता चल सके कि वे आगे कौन- सा इलाज करा सकता है।
फाइमोसिस की रोकथाम कैसे करें? (How to prevent Phimosis)
हालांकि, फाइमोसिस के मरीजों की तादात दिन-प्रति-दिन बढ़ती जा रही है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि किसी भी अन्य बीमारी की तरह फिमोसिस की भी रोकथाम संभव है।
यदि कोई पुरूष इन 5 बातों का पालन करता है, तो वह फाइमोसिस की रोकथाम कर सकता है और इसके साथ में वे इसकी संभावना को भी काफी हद तक कम कर सकता है-
1- लिंग की सफाई करना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि फाइमोसिस की बीमारी शरीर की सफाई न करने की वजह से होती है।
इसी कारण सभी पुरूषों को यह कोशिश करनी चाहिए कि वे अपने शरीर (विशेषकर लिंग) की सफाई प्रतिदिन करें ताकि उसे कोई बीमारी न हो।
2- पौष्टिक भोजन करना- ऐसा माना जाता है कि हमारे खान-पान का शरीर पर सीधा असर पड़ता है।
यह बात फाइमोसिस के संदंर्भ में सटीक बैठती है, इसी कारण सभी पुरूषों को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए और केवल पौष्टिक भोजन ही करना चाहिए।
3- व्यायाम करना- सभी लोगों के लिए व्यायाम करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि व्यायाम केवल उनकी मांसपेशियों को ही मजबूत नहीं बनाता है बल्कि उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता (Immunity System) को भी बेहतर बनाता है।
4- वायरस या बैक्टीरिया से बचाव करना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि फाइमोसिस की बीमारी वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण की वजह से भी हो सकती है।
इसी कारण सभी लोगों को यह कोशिश करनी चाहिए कि वे किसी वायरस या बैक्टीरिया के संपर्क में न आएं, हालांकि वे इसके लिए एंटीबायोटिक दवाईयों का सेवन कर सकते हैं।
5- डॉक्टर के संपर्क में रहना- यह सबसे महत्वपूर्ण चीज है, जिसका पालन सभी पुरूषों को करना चाहिए।
यदि किसी भी पुरूष को स्वास्थ संबंधी कोई समस्या नज़र आती है, तो उसे इसकी सूचना अपने डॉक्टर को देनी चाहिए। इसके अलावा यदि किसी पुरूष ने हाल ही में पैराफिमोसिस सर्जरी को कराया है, तो उसे तब तक डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए, जब तक वे उसे पूरी तरह से सेहमंद घोषित न कर दें।
जैसा कि हम सभी यह जानते हैं कि आज के अनियमित दिनचर्या के कारण स्वास्थ संबंधी कई सारी समस्याएं फैल रही हैं। इनमें फाइमोसिस (Phimosis) भी शामिल हैं, जो मुख्य रूप से पुरूषों में देखने को मिलती है।
चूंकि, अधिकांश पुरूषों को फिमोसिस की पूर्ण जानकारी नहीं होती है, इसी कारण वे इसका शिकार आसानी से बन जाते हैं। इस प्रकार हमें उम्मीद है कि आपके लिए इस लेख को पढ़ना उपयोगी साबित हुआ होगा क्योंकि हमने इसमें फाइमोसिस की आवश्यक जानकारी देने की कोशिश की है।
यदि आप या आपकी जान-पहचान में कोई पुरूष स्वास्थ संबंधी किसी समस्या और उसके उपचार के संबंधित तरीकों की जानकारी प्राप्त करना चाहता है तो वह इसके लिए +91-8448398633 पर Call करके उसकी मुफ्त सलाह प्राप्त कर सकता है।
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