Spine Surgery in Hindi
Medicine in Hindi | Posted by 365Doctor | 21-07-2023 | Comments
स्पाइन सर्जरी क्या है? संपूर्ण जानकारी (Spine Surgery in Hindi)
स्पाइन सर्जरी (Spine Surgery) उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, जो रीढ़ की समस्या से पीड़ित रहते हैं। आज के कामकाजी दौर में, जहां पर सभी लोगों को बैठकर काम करना पड़ता है, ऐसे में उन्हें कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उनमें रीढ़ की समस्याएं जैसे रीढ़ का दर्द, सर्वाइकल, रीढ़ की हड्डी की असमान संरचना इत्यादि शामिल हैं। इन समस्याओं का रामबाण इलाज स्पाइन सर्जरी होती है।
चूंकि, अधिकांश लोगों को रीढ़ की हड्डी की सर्जरी की पूर्ण जानकारी नहीं होती है, इसी कारण वे इस सर्जरी को करा नहीं पाते हैं। यदि आप भी इस सर्जरी की जानकारी से वंचित हैं, तो आपको इस लेख को जरूर पढ़ना चाहिए।
स्पाइन सर्जरी क्या है? (What is Spine Surgery? in Hindi)
स्पाइन सर्जरी या स्पाइन ऑपरेशन (Spine Operation) से तात्पर्य ऐसी सर्जरी से है, जिसे रीढ़ की समस्याओं का समाधान करने के लिए किया जाता है। स्पाइन सर्जरी को कराने की सलाह मुख्य रूप से उस स्थिति में दी जाती है, जब इलाज के अन्य तरीके जैसे दवाई, व्यायाम इत्यादि से आराम नहीं मिलता है।
स्पाइन सर्जरी के कितने प्रकार हैं? (Types of Spine Surgery- in Hindi)
स्पाइन सर्जरी के मुख्य रूप से 5 प्रकार होते हैं, जो इस प्रकार हैं-
1- डिस्टेक्टॉमी सर्जरी- डिस्टेक्टॉमी सर्जरी (Discectomy Surgery) से तात्पर्य ऐसी सर्जरी से है, जिसमें असमान्य डिस्क को निकाला जाता है, जिसके कारण रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है। इस प्रक्रिया में इंटरवर्टेब्रल डिस्क (Intervertebral Disc) के उस भाग को निकाला जाता है, जिसके कारण पीठ में दर्द, कमजोर इत्यादि परेशानियां होती हैं।
2- लैमिनेक्टॉमी- लैमिनेक्टॉमी सर्जरी (Laminotomy Surgery) ऐसी आर्थोपेडिक न्यूरोसर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें वर्टिब्रल कनाल (vertebral canal) के दर्द को कम करने के लिए वर्टिब्रल आर्च (vertebral arch) के लामिना के हिस्से को हटाया जाता है।
3- स्पाइनल फुसन- वह प्रक्रिया जिसे रीढ़ की हड्डी की छोटी हड्डी से संबंधित समस्या का समाधान करने के लिए किया जाता है, उसे स्पाइनल फुसन (Spinal Fusion) के नाम से जाना जाता है।
4- लुंबर सर्जरी- लुंबर सर्जरी (Lumber Surgery) से तात्पर्य ऐसी सर्जरी से है, जिसे पीठ के निचले हिस्से की हड्डी में मौजूद समस्या को ठीक करने के लिए किया जाता है। इस सर्जरी को करने का उद्देश्य पैर में होने वाले दर्द को कम करना होता है, जिसका कारण पीठ के निचले हिस्से में होने वाला दर्द होता है।
5- डिस्क रिप्लेसमेंट सर्जरी- इस सर्जरी को आर्टिफिशियल डिस्ट रिप्लेसमेंट (Artifical Disk Replacement) के नाम से भी जाता है, जिसमें इंटरवर्टिब्रल डिस्क (Intervertebral Disk) को आर्टिफिशियल डिस्क से बदला जाता है।
स्पाइन सर्जरी को कब किया जाता है? (When Spine Surgery is performed?- in Hindi)
कोई भी डॉक्टर किसी भी व्यक्ति को स्पाइन सर्जरी को कराने की सलाह कुछ विशेष स्थिति में देते हैं, जो इस प्रकार हैं-
1- रीढ़ की हड्डी में दर्द का होना- जब किसी व्यक्ति को रीढ़ की हड्डी में दर्द होता है और उसे किसी भी अन्य तरीकों से आराम नहीं मिलता है, तो उस स्थिति में डॉक्टर उसे स्पाइन सर्जरी कराने की सलाह देते हैं।
2- सर्वाइकल का होना- स्पाइन सर्जरी को उस स्थिति में भी किया जाता है, जब कोई व्यक्ति सर्वाइकल से परेशान रहता है। हालांकि, सर्वाइकल से पीड़ित व्यक्ति इससे निजात पाने के लिए दवाई और व्यायाम करता है, लेकिन जब उसे इससे कोई लाभ नहीं मिलता है, तब उसके लिए स्पाइन सर्जरी सहायक साबित हो सकती है।
3- स्पाइन ट्यूमर को निकालना- यदि किसी व्यक्ति को स्पाइन ट्यूमर की समस्या होती है, तो उसका समाधान स्पाइन सर्जरी के द्वारा किया जा सकता है। स्पाइन सर्जरी से ट्यूमर को बाहर निकाला जाता है, ताकि वह शरीर के अन्य भागों में न फैले।
4- पीठ के निचले हिस्से में असहनीय दर्द होना- स्पाइन सर्जरी की सलाह उस व्यक्ति को भी दी जाती है, जो पीठ के निचले हिस्से के असहनीय दर्द से परेशान रहता है। स्पाइन सर्जरी से इस दर्द को कम किया जाता है और उस व्यक्ति को राहत प्राप्त होती है।
5- अन्य तरीकों का कारगार साबित न होना- स्पाइन सर्जरी को कराने की सलाह उस स्थिति में दी जाती है, जब किसी व्यक्ति को रीढ़ की समस्याओं में किसी अन्य तरीके से आराम नहीं मिलता है।
स्पाइन सर्जरी को कैसे किया जाता है? (Procedure of Spine Surgery- in Hindi)
जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि स्पाइन सर्जरी को रीढ़ की तमाम समस्याओं का समाधान करने के लिए किया जाता है।
इस प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण स्टेप शामिल होते हैं, जो इस प्रकार हैं-
स्टेप 1: रीढ़ की हड्डी के हिस्से को निकालना- स्पाइन सर्जरी की शुरूआत में डॉक्टर रीढ़ की हड्डी के उस हिस्से को बाहर निकालते हैं, जिसमें दर्द होता है।
स्टेप 2: रीढ़ की मांसपेशियों पर दबाव डालना- रीढ़ की हड्डी के दर्द वाले अंग को निकालने के बाद डॉक्टर रीढ़ की मांसपेशियोंं पर दबाव डालते हैं, ताकि वे मांसपेशियों में मौजूद तकलीफ को कम कर सकें।
स्टेप 3: पीठ के दर्द और कमजोरी को कम करना- डॉक्टर के द्वारा रीढ़ की मांसपेशियों पर दबाव डालने के साथ ही पीठ के दर्द और कमजोरी को कम किया जाता है।
स्टेप 4: रीढ़ की समस्या का समाधान करना- पीठ के दर्द और कमजोरी को कम करने के साथ ही रीढ़ की समस्या का समाधान किया जाता है।
इसके साथ ही यह प्रक्रिया समाप्त हो जाती है।
स्टेप 5: व्यक्ति को डिस्चार्ज करना- रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के समाप्त होने के बाद डॉक्टर व्यक्ति को कुछ समय के लिए सुधार कक्ष (Recovery Room) में ले जाया जाता है। जैसे ही डॉक्टर को इस बात का पता चलता है कि अब वह व्यक्ति ठीक है, तो वे उसे घर जाने की इजाज़त देते हैं। हालांकि, डॉक्टर उसे घर पर सभी सवाधानियों को बरतने की सलाह देते हैं।
स्पाइन सर्जरी की कीमत क्या है? (Cost of Spine Surgery- in Hindi)
जब बात स्पाइन सर्जरी कराने की आती है, तो इसके लिए सबसे बेहतर जगह दिल्ली-NCR है। भारत की राजधानी होने के कारण यहां पर स्पाइन सर्जरी के सर्वोत्तम अस्पताल/क्लीनिक मौजूद हैं। इसके बावजूद कुछ लोग रीढ़ की हड्डी की सर्जरी को एक महंगी प्रक्रिया समझते हैं, इसी कारण वे इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं।
यदि उन्हें यह पता होता है कि रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन एक किफायदी प्रक्रिया है, जिसकी औसतन लागत लगभग 2.5 लाख होती है, तो शायद वे भी बेहतर ज़िदगी जी सकते।
स्पाइन सर्जरी की कीमत मुख्य रूप से कुछ तत्वों पर निर्भर करती है, जो इस प्रकार हैं-
1- सर्जरी के प्रकार- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि स्पाइन सर्जरी कई प्रकार की होती है, इसी कारण इसकी कीमत काफी हद तक इसके प्रकार पर निर्भर करती है।
2- रीढ़ की समस्या- चूंकि, रीढ़ की समस्याएं कई तरह की होती हैं, इसलिए स्पाइन सर्जरी की कीमत इस बात पर निर्भर करती है, कि इस सर्जरी को मुख्य रूप से रीढ़ की किस समस्या का समाधान करने के लिए किया जाना है।
3- अस्पताल- स्पाइन सर्जरी की कीमत काफी हद तक इस बात पर निर्भर करती है, कि इसे कौन-से अस्पताल में किया जाना है।
इसी कारण हर व्यक्ति रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन कराने से पहले अस्पताल का चयन काफी सोच-समझकर करना चाहिए।
4- व्यक्ति के स्वास्थ की स्थिति- इस सर्जरी की कीमत इसे कराने वाले व्यक्ति के स्वास्थ की स्थिति पर निर्भर करती है। इसी कारण इस सर्जरी को करने से पहले डॉक्टर व्यक्ति के स्वास्थ की अच्छी तरह से जांच करते हैं।
5- इलाज के तरीके- स्पाइन सर्जरी को विभिन्न तरीकों से किया जाता है, इसी कारण इसकी कीमत इसे करने के तरीके पर भी निर्भर करती है।
स्पाइन सर्जरी के लाभ क्या हैं? (Benefits of Spine Surgery in Hindi)
जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि आज के दौर में बहुत सारे लोग रीढ़ से संबंधित कई सारी समस्याएं से पीड़ित हैं। ऐसे में स्पाइन सर्जरी उनके लिए लाभकारी प्रक्रिया साबित हो सकती है।
स्पाइन सर्जरी के निम्नलिखित लाभ होते हैं, जिनके कारण इसे कराया जा सकता है-
बेहतर तरीके से चलना- आमतौर पर पीठ के दर्द को गंभीरता से नहीं लिया जाता है, लेकिन समय बीतने के साथ यह घातक रूप से ले सकता है, जिसकी वजह से व्यक्ति को चलने-फिरने में भी परेशानी होने लगती है। इस स्थिति में रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन लाभदायक साबित होता है। इस प्रकार इस सर्जरी को कराने के बाद व्यकित की इस समस्या का समाधान हो जाता है और वह बेहतर तरीके से चलने लगता है।
शारीरिक रूप से तरोताज़ा महसूस करना- चूंकि, पीठ के दर्द का असर शारीरिक क्षमता पर भी पड़ता है। इसी कारण स्पाइन सर्जरी को कराने के बाद व्यक्ति शारीरिक रूप से तरोताज़ा महसूस करता है और वह बेहतर तरीके से अपने कामों को करता है।
पीठ के दर्द से निजात पाना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि स्पाइन सर्जरी को मुख्य रूप से पीठ के दर्द से निजात दिलाने के लिए भी किया जाता है। इसी कारण इस सर्जरी के द्वारा व्यक्ति को पीठ के दर्द से निजात मिल जाती है।
कार्य-क्षमता में सुधार होना- पीठ में दर्द का असर मानसिक क्षमता पर भी पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति अपने कार्यों को बेहतर तरीके से नहीं कर पाता है और इसके साथ में उसकी कार्य-क्षमता भी कम हो जाती है। स्पाइन सर्जरी के द्वारा पीठ के दर्द को कम करने कार्यक्षमता में सुधार किया जाता है।
शारीरिक संरचना में सुधार होना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि रीढ़ की समस्याओं में रीढ़ की हड्डी की असमान्य संरचना भी शामिल है। इसकी वजह से व्यक्ति का व्यक्तित्व उभर कर नहीं आता है। इस सर्जरी के द्वारा रीढ़ की हड्डी की संरचना को ठीक किया जाता है और इसके परिणामस्वरूप उसके व्यक्तित्व को विकसित किया जाता है।
स्पाइन सर्जरी के जोखिम क्या हो सकते हैं? (Side-Effects of Spine Surgery in Hindi)
हालांकि, रीढ़ की हड्डी की सर्जरी एक लाभकारी प्रक्रिया है, लेकिन इसके बावजूद किसी भी अन्य प्रक्रिया की तरह रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन के कुछ जोखिम भी होते हैं, जिनके बारे में जानना महत्वपूर्ण होता है।
स्पाइन सर्जरी के मुख्य रूप से 5 जोखिम हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं-
1- रक्तस्राव का होना- रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के बाद रक्तस्राव होना सामान्य बात होती है, लेकिन कई बार ऐसा भी देखा गया है कि कुछ लोगों में रक्तस्राव अधिक मात्रा में होता है।
2- दिल का दौरा का पड़ना- कभी-कभी इस सर्जरी के बाद कुछ लोगों में दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, इस समस्या को समय रहते काबू में किया जा सकता है।
3- ब्लड क्लोट्स का होना- कई बार इस सर्जरी के बाद पैरों और फेफड़ों में ब्लड क्लोट्स की संभावना हो सकती है। इस स्थिति में व्यक्ति को मेडिकल सहायता की जरूरत पड़ सकती है।
4- नस में तकलीफ होना- कुछ लोगों में स्पाइन सर्जरी के बाद शरीर की नसों में तकलीफ हो सकती है। हालांकि, वे व्यायाम के द्वारा इस समस्या का निदान कर सकते हैं।
5- संक्रमण का होना- स्पाइन सर्जरी के बाद कुछ लोगों में संक्रमण होने की समस्या बढ़ सकती है। इस स्थिति में उन्हें एंटीबायोटिक दवाई दी जाती हैं।
स्पाइन सर्जरी के बाद कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए? (Precautions After Spine Surgery- in Hindi)
स्पाइन सर्जरी के बाद व्यक्ति को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि यह उसे जल्दी से ठीक होने में सहायता करता है।
रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के बाद व्यक्ति को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए, जो इस प्रकार हैं-
ज्यादा न छुकना- स्पाइन सर्जरी कराने वाले व्यक्ति को ज्यादा छुकना नहीं चाहिए क्योंकि इसका असर उसकी रीढ़ की हड्डी पर पड़ सकता है।
भारी चीज़ों को न उठाना- यदि किसी व्यक्ति ने हाल ही में रीढ़ की हड्डी की सर्जरी कराई है, तो उसे भारी चीज़ों को नहीं उठाना चाहिए।
ज्यादा न मुड़ना- इस सर्जरी को कराने वाले व्यक्ति को कभी-कभी अचानक से मुड़ना नहीं चाहिए क्योंकि इससे उसकी रीढ़ की हड्डी में झटका लग सकता है।
फीजियोथैरेपी करना- स्पाइन सर्जरी के बाद फीजियोथैरेपी करना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है क्योंकि इससे शरीर की मांसपेशियां खुलती हैं और व्यक्ति की सेहत में जल्दी से सुधार होता है।
चलना- रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन (Spine Operation) के बाद व्यक्ति को हल्के-फुल्के व्यायाम जैसे चलना करना चाहिए। यह व्यायाम उसके शरीर की रोग-प्रतिरोग क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
नहाते समय बैंडेज या टेप का इस्तेमाल करना- यदि किसी व्यक्ति ने हाल ही में स्पाइन सर्जरी को कराया है, तो उसे तमाम सावधानियां बरतनी चाहिए और नहाते समय सर्जरी वाले हिस्से पर बैडेंज या टेप का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि सर्जरी वाली जगह पर पानी न जाए।
वर्तमान समय में रीढ़ की हड्डी की समस्याएं जैसे पीठ में दर्द होना, सर्वाइकल इत्यादि बहुत सारे लोगों में देखने को मिल रही हैं। हालांकि, वे इसके लिए हर तरह के प्रयास करते हैं लेकिन जब उन्हें इन प्रयासों से आराम नहीं मिलता है, तब उनके लिए रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन (Spine Operation) ही एकमात्र विकल्प बचता है।
चूंकि, उन्हें रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन या रीढ़ की हड्डी की सर्जरी (Spine Surgery) की संपूर्ण जानकारी नहीं होती है, इसी कारण वे स्पाइन सर्जरी को कराने से हिचकते हैं।
इस प्रकार हमें उम्मीद है कि आपके लिए इस लेख को पढ़ना उपयोगी साबित हुआ होगा क्योंकि हमने इस लेख में स्पाइन सर्जरी से संबंधित आवश्यक जानकारी देने की कोशिश की है।
सबसे पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’S)
Q1. स्पाइन सर्जरी कराना कितना जोखिम भरा होता है?
Ans- चूंकि, स्पाइन सर्जरी को शरीर के सभी संवेदनशील अंग अर्थात् कमर पर किया जाता है।
इसी कारण, इसमें जोखिम होने की संभावना रहती ही है।
इस दौरान, स्पाइन में दर्द होना, स्पाइन सर्जरी का खराब होना, अन्य सर्जरी की जरूरत पड़ना इत्यादि जोखिम हो सकते हैं।
Q2. स्पाइन सर्जरी को कैसे किया जाता है?
Ans- स्पाइन सर्जरी को मुख्य रूप से लुंबर की समस्या को दूर किया जाता है।
इसमें रीढ़ की हड्डी के एक या दो लेमिना को निकाला जाता है, रीढ़ की हड्डी की समस्या को दूर किया जाता है।
Q3. स्पाइन सर्जरी को करने में कितना समय लगता है?
Ans- स्पाइन सर्जरी को करने में मुख्य रूप से 2 से 7 घंटे का समय लगता है।
इसके बाद इसे कराने वाले लोगो को डिस्चार्ज कर दिया जाता है।
Q4. क्या स्पाइन सर्जरी कराना सही फैसला होता है?
Ans- डॉक्टर किसी भी व्यक्ति को स्पाइन सर्जरी कराने की सलाह उसी स्थिति में देते हैं, जब उसे किसी अन्य तरीके से रीढ़ की हड्डी के दर्द में आराम नहीं मिलता है।
इस प्रकार, स्पाइन सर्जरी कराना सही फैसला होता है, यदि उसे कराने की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाए।
Q5. कमर की सर्जरी के बाद व्यक्ति को अस्पताल में कितने समय तक रहना पड़ता है?
Ans- कमर की सर्जरी के बाद व्यक्ति को अस्पताल में 1-3 दिनों तक रखा जाता है।
इस दौरान, इस सर्जरी को कराने वाले शख्स को मॉनिटर में रखकर इस बात की पुष्टि की जाती है कि अब वह पूरी तरह से ठीक है, जिसे डिस्चार्ज किया जा सकता है।
Q6. क्या किसी व्यक्ति की मौत स्पाइन सर्जरी के दौरान हो सकती है?
Ans- स्पाइन सर्जरी के 3 सालों के बाद मौत होने की संभावना केवल 1.9 प्रतिशत ही होती है।
इस प्रकार, यह कहा जाता है कि इस सर्जरी के दौरान और इसके दौरान किसी व्यक्ति की मौत बहुत कम होती है।
Q7. स्पाइन सर्जरी कराने के कितने समय बाद चलना शुरू किया जा सकता है?
Ans- स्पाइन सर्जरी कराने के लगभग 2 हफ्तों में धीर-धीरे चलना शुरू किया जा सकता है। जिसे कुछ समय के बाद बढ़ाया जा सकता है।
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