Uterine Cancer in Hindi
Medicine in Hindi | Posted by 365Doctor | 21-07-2023 | Comments
क्या है गर्भाशय कैंसर? पूर्ण जानकारी Uterine Cancer in Hindi
गर्भाशय कैंसर (Uterine Cancer) विश्वभर की महिलाओं में होने वाले कैंसरों में से एक है।
यदि भारत की बात की जाए, हर साल 12 हजार से अधिक महिलाओं में इस कैंसर के मामले देखने को मिलते हैं, जिनमें से आधी महिलाओं अर्थात् लगभग 6 हजार महिलाओं की मौत इसकी वजह से हो जाती है। ऐसा मुख्य रूप से गर्भाशय कैंसर की जानकारी की कमी की वजह से होता है। यदि उन्हें इस कैंसर की जानकारी होती तो शायद वे समय रहते कैंसर सर्जरी करा पातीं और ऊपर दिए गए आंकड़े कुछ कम होतें।
अत: यह आवश्यक है कि महिलाओं में इस कैंसर के प्रति जागरूकता को बढ़ाया जाए ताकि वे इससे अपनी रक्षा कर सकें। इसी आवश्यकता को देखते हुए हमने इस विषय पर लेख करने की कोशिश की है, अत: हम आपसे यह विनती करते हैं कि आप इस लेख को अंत तक पढ़े क्योंकि सभी लोग सेहतमंद और खुशहाल ज़िदगी की कामना करते हैं।
क्या है गर्भाशय कैंसर? (Uterine Cancer in Hindi)
गर्भाशय कैंसर से तात्पर्य ऐसे कैंसर से है, जिसकी शुरूआत गर्भाशय में कोशिकाओं के असामान्य विकास के कारण होता है। कई बार यह योनि से खून बहने का कारण भी बन सकता है और उस स्थिति में महिला को डॉक्टर के पास जाना पड़ सकता है। यदि इस कैंसर का इलाज सही समय पर न किया जाए, तो स्थिति काफी खराब हो सकती है और अक्सर गर्भाशय को भी बदलना पड़ सकता है।
गर्भाशय कैंसर के लक्षण क्या है? (Endometrial Cancer Symptoms in Hindi)
किसी भी अन्य बीमारी की तरह गर्भाशय कैंसर के भी अपने कुछ लक्षण होते हैं, जो इसके शुरू होने का संकेत देते हैं।
अत: यदि किसी महिला के शरीर में ये 5 लक्षण नज़र आते हैं, तो उसे सर्तक हो जाना चाहिए और अपने स्वास्थ की जांच करानी चाहिए-
रजोनिवृत्ति के दौरान या उसके बाद में योनि से खून निकलना- यह गर्भाशय कैंसर का प्रमुख लक्षण है, जिसमें महिला को रजोनिवृत्ति (menopause) के दौरान या उसके बाद योनि से खून निकलता है।
यदि किसी महिला को यह समस्या होती है तो उसे बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
भूख न लगना- भूख न लगने को सामान्य समस्या समझता जाता है, जिसके बारे में ऐसा सोचा जाता है कि यह कुछ समय में स्वयं ही ठीक हो जाएगी।
लेकिन, कई बार यह समस्या घातक एवं गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकती है इसलिए समझदारी इसी में है कि यदि किसी महिला को भूख नहीं लगती है तो उसे इसे नज़रअदाज़ नहीं करना चाहिए और इसके बारे में डॉक्टर को सूचित करना चाहिए।
मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव का होना- हालांकि, मासिक धर्म (Menstrual Cycle) के दौरान कुछ मात्रा में रक्तस्राव होता है, लेकिन कुछ महिलाओं में ऐसा भी देखा गया है कि उन्हें इस दौरान अधिक मात्रा में रक्तस्राव होता है।
ऐसी महिलाओं को किसी तरह की देरी किए बिना तुरंत महिला विशेषज्ञ से मिलकर इसकी जांच करानी चाहिए।
पैल्विक दर्द का होना- यदि किसी महिला को पैल्विक दर्द होता है, तो उसे इसके लिए दर्दनिवारक दवाईयों का सेवन नहीं करना चाहिए अपितु इसकी जांच मेडिकल तरीके से करानी चाहिए।
कमजोरी महसूस होना- गर्भाशय कैंसर का अन्य लक्षण अत्याधिक कमजोरी महसूस होना भी होता है। आमतौर पर, इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है और इसी कारण इसके कारण का पता लगाने की कोशिश भी नहीं की जाती है।
किसी भी महिला के लिए ऐसा रवैया बरतना खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि इसकी वजह से उसे गर्भाशय कैंसर की समस्या हो सकती है।
गर्भाशय कैंसर के कारण क्या हैं? (Causes of Uterus Cancer in Hindi)
गर्भाशय कैंसर कई सारे कारणों से हो सकता है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
महिलाओं में हार्मोन का असामान्य विकास होना- ऐसा माना जाता है यदि किसी महिला में हार्मोन का विकास सामान्य तरीके से न हो तो कई सारी बीमारियों का कारण बन सकता है।
गर्भाशय कैंसर भी ऐसी ही बीमारी है, जो मुख्य रूप से हार्मोन के असामान्य विकास की वजह से होती है।
वजन का अधिक होना- गर्भाशय कैंसर होने की संभावना उन महिलाओं में अधिक रहती है, जिनका वजन काफी अधिक होती है।
अत: सभी महिलाओं को यह कोशिश करनी चाहिए कि उनका वजन अधिक न बढ़े क्योंकि यह उन्हें गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कराना- ऐसा भी देखा गया है कि यदि किसी महिला ने हाल ही में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कराया है, तो उसे गर्भाशय कैंसर भी हो सकता है।
ऐसा मुख्य रूप से ब्रेस्ट कैंसर के दुष्प्रभावों की वजह से हो सकता है।
मधुमेह का होना- गर्भाशय कैंसर मधुमेह से पीड़ित महिला को भी हो सकता है।
चूंकि, मधुमेह में शरीर में इंसुलिन नहीं बनता है, इसी कारण शरीर की कार्यक्षमता काफी कम हो जाती है और इसी कारण अन्य बीमारियों के होने की संभावना में भी इज़ाफा हो जाता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से पीड़ित होना- यदि कोई महिला पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम नामक बीमारी से ग्रस्त होती है, तो उसे गर्भाशय कैंसर की संभावना अधिक होती है।
अत: इससे पीड़ित महिला को इसका इलाज सही तरीके से कराना चाहिए ताकि उसे और कोई बीमारी न हो।
गर्भाशय कैंसर का इलाज कैसे किया जा सकता है? (Uterine Cancer Treatment in Hindi)
यह सवाल हर उस महिला के लिए मायने रखता है, जो गर्भाशय कैंसर से पीड़ित होती है। चूंकि, उसे इस दौरान काफी परेशानियों से पीड़ित होना पड़ता है, इसी कारण उसे ऐसे तरीकों की तलाश रहती है, जिनके माध्यम से वह गर्भाशय कैंसर से निजात पा सके। हो सकता है कि कुछ महिलाएं गर्भाशय कैंसर को एक लाइलाज बीमारी समझते हों और इसी कारण वे इसका इलाज सही तरीके से न करा पाए, लेकिन यदि उन्हें यह पता हो कि वे इन 5 तरीकों के माध्यम से अपना इलाज करा सकती हैं, तो शायद वे भी खुशहाल ज़िदगी जी पातीं–
1- अल्ट्रासाउंड कराना- गर्भाशय कैंसर का इलाज कराने का सबसे आसान तरीका अल्ट्रासाउंड कराना है, जिसमें महिला के शरीर के अंदरूनी भाग की स्थिति का पता लगाया जाता है।
इस टेस्ट के माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि किसी महिला में यह कैंसर किस हद तक बढ़ चुका है और फिर उसके अनुरूप इलाज किया जाता है।
2- बायोप्सी कराना- कई बार, गर्भाशय कैंसर का इलाज बायोप्सी के माध्यम से भी किया जाता है।
इस सर्जरी में शरीर में कैंसरयुक्त कोशिकाओं को नष्ट करने की कोशिश की जाती है, ताकि यह शरीर के अन्य अंगों में न फैल सके।
3- अन्य टेस्ट कराना- अक्सर, गर्भाशय कैंसर का इलाज करने के लिए कुछ टेस्ट जैसे सी.टी स्कैन, ब्लड टेस्ट इत्यादि को भी किया जाता है।
ये सभी टेस्ट महिला के शरीर में कैंसर की स्थिति को सुनिश्चित करने में सहायक साबित हो सकते हैं।
4- रेडिएशन थैरेपी लेना- वर्तमान समय में रेडिएशन थैरेपी काफी प्रचलन में है। इसका उपयोग शरीर में कैंसरयुक्त टिशू को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
अत: रेडिएशन थैरेपी का इस्तेमाल गर्भाशय कैंसर का इलाज करने के लिए भी किया जा सकता है।
5- हिस्टरेक्टमी सर्जरी कराना- जब गर्भाशय कैंसर से पीड़ित महिला को किसी भी तरीकों से आराम नहीं मिलता है, तो उस स्थिति में डॉक्टर उसे हिस्टरेक्टमी सर्जरी कराने की सलाह देते हैं।
इस सर्जरी में महिला के गर्भाशय कैंसर का इलाज मेडिकल तरीके से किया जाता है।
हिस्टरेक्टमी सर्जरी को कैसे किया जाता है? (Procedure of Hysterectomy Surgery in Hindi)
जब कोई डॉक्टर किसी महिला को हिस्टरेक्टमी सर्जरी कराने की सलाह देेते हैं, तो उस समय उस महिला के मन में सवाल जरूर आता है कि आखिरकार इस सर्जरी को कैसे किया जाता है।
हो सकता है कि कुछ महिलाएं इस सर्जरी की प्रक्रिया को लेकर चिंतिंत हो, लेकिन उन्हें यह जानकारी होना जरूरी है कि यह एक आसान प्रक्रिया है, जिसमें निम्नलिखित स्टेप शामिल होते हैं-
स्टेप 1: एनेस्थीसिया देना- हिस्टरेक्टमी सर्जरी की शुरूआत महिला को एनेस्थीसिया के साथ होती है।
डॉक्टर महिला को एनेस्थीसिया इसलिए देते हैं, ताकि उसे इस पूरी प्रक्रिया के दौरान किसी तरह का दर्द महसूस न हो।
स्टेप 2: कैथेटर का इस्तेमाल करना- महिला को एनेस्थीसिया देने के बाद महिला के मूत्राशय (Bladder) को खाली करने के लिए मूत्रमार्ग (urethra) के माध्यम से कैथेटर का इस्तेमाल किया जाता है।
स्टेप 3: पेट के निचले हिस्से में कट लगाना- कैथेटर का इस्तेमाल करने के बाद महिला के पेट के निचले हिस्से में कट को लगाया जाता है, ताकि इस प्रक्रिया को सही तरीके से किया जा सके।
स्टेप 4: पेट और योनि को साफ करना- महिला के पेट के निचले हिस्से में कट लगाने के बाद पेट और योनिक को साफ किया जाता है।
ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि इस सर्जरी को सही तरीके से किया जा सके।
स्टेप 5: गर्भाशय में मौजूद कैंसरयुक्त कोशिकाओं को निकालना- महिला के पेट और योनि को साफ करने के बाद गर्भाशय में मौजूद कैंसरयुक्त कोशिकाओं या टिशु को निकाला जाता है।
स्टेप 6: कट को बंद करना- जैसे ही गर्भाशय में मौजूद कैंसरयुक्त टिशू को निकाला जाता है, उसके बाद पेट पर बनाए गए कट को बंद कर दिया जाता है।
कट को बंद करने के साथ ही यह प्रक्रिया समाप्त हो जाती है और फिर महिला को सुधार कक्ष (Recovery Room) में ले जाया जाता है, जहां पर उसकी सेहत को मॉनिटर किया जाता है।
हिस्टरेक्टमी सर्जरी की प्रक्रिया (Hysterectomy Video in Hindi) के बारे में अधिक जानने के लिए कृपया नीचे दी गई वीडियो को देखें-IFrame
हिस्टरेक्टमी सर्जरी की लागत कितनी है? (Hysterectomy Surgery Cost in Hindi)
जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि गर्भाशय कैंसर का इलाज हिस्टरेक्टमी सर्जरी के द्वारा ही बेहतर तरीके से किया जा सकता है। इसके बावजूद जब भी कोई डॉक्टर किसी महिला को हिस्टरेक्टमी सर्जरी कराने की सलाह देते हैं, तो उसके मन में सबसे पहला सवाल इसकी कीमत को लेकर आता है। हो सकता है कि कुछ महिलाओं को यह सर्जरी एक महंगी प्रक्रिया लगे और इसी कारण वे इसे कराने से हिचकती हों, लेकिन यदि उन्हें यह पता हो कि यह एक किफायती प्रक्रिया है, जिसकी लागत 25 हजार से 1 लाख ही होती है, तो शायद वे भी इस सर्जरी का लाभ उठा पाती।
हिस्टरेक्टमी सर्जरी के जोखिम क्या हो सकते हैं? (Complications of Hysterectomy Surgery)
निश्चित रूप से, हिस्टरेक्टमी सर्जरी गर्भाशय कैंसर का इलाज करने का सर्वोत्तम तरीका है, लेकिन इसके बावजूद किसी भी अन्य प्रक्रिया की भांति गर्भाशय हटाने की सर्जरी के भी अपने कुछ जोखिम होते हैं, जिसकी जानकारी सभी महिलाओं को होनी चाहिए।
यदि किसी महिला ने हाल ही में गर्भाशय को हटाने की सर्जरी को कराया है, तो उसे इसके बाद कुछ जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है, जो इस प्रकार हैं-
अत्याधिक रक्तस्राव का होना- किसी भी अन्य प्रक्रिया की भांति हिस्टरेक्टमी सर्जरी के बाद भी कुछ मात्रा में रक्तस्राव होना आम बात है, लेकिन जब यह अधिक मात्रा में होता है, तो यह चिंता का विषय बन जाता है।
अत: इस प्रक्रिया के बाद महिला को अपने शरीर का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है।
संक्रमण का होना- चूंकि, हिस्टरेक्टमी सर्जरी के बाद का समय काफी संवेदनशील होता है, ऐसे में महिला को कई तरह के संक्रमण के होने की संभावना बढ़ जाती है।
इसी कारण डॉक्टर महिला को एंटीबायोटिक दवाई लेने की सलाह देते हैं, ताकि संक्रमण की संभावना को रोका जा सके।
कब्ज का होना- कई बार, ऐसा भी होता है कि गर्भाशय कैंसर की सर्जरी को कराने के बाद कुछ महिला को कब्ज की समस्या हो जाती है।
हालांकि, इसे सामान्य पेट दर्द की दवाई से ठीक किया जा सकता है, लेकिन किसी भी दवाई को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर विकल्प होता है।
ब्लड क्लोट्स का होना- हिस्टरेक्टमी सर्जरी के बाद कुछ महिलाओं के शरीर में ब्लड क्लोट्स भी हो सकते हैं।
ऐसी स्थिति में इन महिलाओं को मेडिकल सहायता लेनी चाहिए।
गर्भाशय के आस-पास अंगों में चोट का लगना- हिस्टरेक्टमी सर्जरी के बाद महिलाओं को गर्भाशय के आस-पास के अंगों में चोट भी लग सकती है।
गर्भाशय कैंसर की रोकथाम कैसे की जा सकती है? (How to prevent Uterine Cancer in Hindi)
हालांकि, गर्भाशय कैंसर काफी दर्दनाक होता है, जिसका असर महिलाओं के शारीरिक और मानसिक क्षमता पर पड़ता है। लेकिन, राहत की बात यह है कि किसी भी अन्य समस्या की भांति गर्भाशय कैंसर की भी रोकथाम संभव है।
अत: यदि कोई महिला इन 5 सावधानियों को बरते तो वह गर्भाशय कैंसर की रोकथाम कर सकती है-
पेल्विक की नियमति रूप से जांच कराना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि गर्भाशय कैंसर पेल्विक दर्द के कारण भी हो सकता है।
इसी कारण सभी महिला को अपने पेल्विक की नियमित रूप से जांच करानी चाहिए ताकि उसमे होने वाली परेशानी का पता लगाया जा सके।
धूम्रपान न करना– आपने अक्सर यह सुना होगा कि धूम्रपान करना सेहत के लिए नुकसानदायक होता है क्योंकि इसकी वजह से कई सारी बीमारियां हो सकती हैं।
यह बात महिलाओं पर भी लागू होती है और इसी कारण किसी भी महिला को धूम्रपान नहीं करना चाहिए।
सुरक्षित यौनिक प्रक्रिया करना- यदि कोई महिला असुरक्षित यौनिक प्रक्रिया करती है, तो उसका असर इसकी सेहत पर पड़ता है और इसकी वजह से उसे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
अत: सभी महिलाओं को यह कोशिश करनी चाहिए कि वह सुरक्षित यौनिक प्रक्रिया करें।
पौष्टिक भोजन करना- ऐसा माना जाता है कि हमारे भोजन का हमारी सेहत पर सीधा असर पड़ता है और यदि हमारा भोजन सही न हो तो हमारी सेहत भी सही नहीं कर पाती है।
यह बात महिलाओं पर भी लागू होती है, इसलिए सभी महिलाओं को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए और पौष्टिक भोजन ही करना चाहिए।
डॉक्टर के संपर्क रहना- यह सबसे महत्वपूर्ण चीज है, जिसका पालन सभी महिलाओं को रखना चाहिए।
यदि किसी महिला ने हाल ही में हिस्टरेक्टमी सर्जरी को कराया है, तो उसे तब तक डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए, जब तक डॉक्टर उसे पूरी तरह से सेहतमंद घोषित न कर दें।
जैसा कि हम सभी यह जानते हैं कि वर्तमान समय में महिलाओं में स्वास्थ संबंधी कई सारी समस्याएं फैल रही हैं। इनमें गर्भाशय कैंसर (Uterine Cancer) भी शामिल है, जो मुख्य रूप से अनियमित दिनचर्या या फिर किसी अन्य कारणों से होता है। चूंकि, महिलाओं को इस कैंसर की पूर्ण जानकारी नहीं होती है, इसी कारण वे इसका इलाज नहीं करा पाती हैं। इस प्रकार हमें उम्मीद है कि आपके लिए इस लेख को पढ़ना उपयोगी साबित हुआ होगा क्योंकि हमने इस लेख में गर्भाशय कैंसर की आवश्यक जानकारी देने की कोशिश की है।
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सबसे अधिक पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’S)
Q1. गर्भाशय कैंसर के लक्षण क्या हैं?
Ans- गर्भाशय कैंसर के लक्षणों में योनि से खून निकलना, पेशाब करते समय दर्द होना,सेक्स के दौरान दर्द होना, पेल्विक अंग में दर्द होना इत्यादि शामिल हैं।
Q2.गर्भाशय कैंसर के कारण क्या हैं?
Ans- हालांकि, गर्भाशय कैंसर के सटीक कारणों का पता नहीं चला है।
इसके बावजूद, किसी बीमारी से पीड़ित होना, वजन का अधिक होना, जेनेटिक कारण होना इत्यादि गर्भाशय कैंसर के कारण बन सकते हैं।
Q3. क्या गर्भाशय कैंसर से किसी महिला की मौत हो सकती है?
Ans- यदि गर्भाशय कैंसर का इलाज न किया जाए तो यह किसी भी महिला की मौत की वजह बन सकता है।
इसी कारण, इसके लक्षण नज़र आते ही गर्भाशय कैंसर का इलाज शुरू कराना चाहिए ताकि इससे पीड़ित महिला की ज़िदगी बच सके।
Q4. गर्भाशय कैंसर के साइड-इफेक्ट्स क्या हो सकते हैं?
Ans- गर्भाशय कैंसर किसी भी महिला के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
इसकी वजह से उन्हें कैंसर का शरीर के अन्य भागों तक फैलना, अन्य गंभीर बीमारियों के खतरा का बढ़ना, कब्ज होना इत्यादि साइड-इफेक्ट्स का सामना करना पड़ सकता है।
Q5. गर्भाशय कैंसर किन महिलाओं को हो सकता है?
Ans- गर्भाशय कैंसर मुख्य रूप से डायबिटीज से पीड़ित महिला, बच्चे न होना, मासिक धर्मों का जल्द शुरू होना, इत्यादि समस्याओं से पीड़ित महिलाओं को होने की संभावना काफी अधिक रहती है।
Q6. गर्भाशय कैंसर मुख्य रूप से किस अंग में फैलता है?
Ans- गर्भाशय कैंसर की शुरूआत गर्भ में होती है,जो कुछ समय के बाद योनि,सर्विक्स ,ओवरी इत्यादि तक फैल सकता है।
Q7. क्या गर्भाशय कैंसर का इलाज संभव है?
Ans- जी हां, गर्भाशय कैंसर का इलाज किया जाता है। इसके लिए हिस्टरेक्टमी सर्जरी को किया जा सकता है
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